- Daily Horoscope July 7, 2024, Explore the Astrological Forecast for 12 Rashis
- Planetary Positions, Moon Sign and How They Impact Your Mood and Anger
- Significance of Pratyantar Dasha in Vedic Astrology
- Daily Horoscope July 6, 2024, Explore the Astrological Forecast for 12 Rashis
- How can astrology predict government jobs?
Chaitra Navratri 2024: इन शुभ संयोगों में करें कलश स्थापना
Related Topics:Festivals and EventsGoddess DurgaHindiNavratriRituals and Traditions
![chaitra-navaratri-2024-kalash-sthapna-shubh-sanyog](https://www.namoastro.com/blog/wp-content/uploads/2024/04/kalash-sthapna.jpg)
चैत्र नवरात्री इस बार खरमास में शुरू होने वाली है और उसी के साथ हिन्दू नव वर्ष की भी शुरुवात हो जाएगी | चैत्र माह के प्रतिपदा तिथि की शुरूआत होगी अप्रैल ८, २०२४ को करीब रात ११ बजकर ५१ मिनट पर, और अगले दिन अप्रैल ९ को रात ८ बजकर २९ मिनट पर समाप्त होगी | इसी कारण, उदय तिथि के अनुसार अप्रैल ९, २०२४ को ही चैत्र नवरात्री का पहला दिन माना जायेगा | चैत्र नवरात्री के उदय तिथि, अप्रैल ९, २०२४ से ही नव वर्ष की भी शुरआत होने वाली है| खरमास मार्च १४ को शुरू हो चुकी है, और अप्रैल १३, २०२४ को समाप्त होगा |
चैत्र नवरात्री २०२४ की शुरुआत कई शुभ संयोगों में हो रही है | क्या है वो शुभ संयोग जब हम कर सकते हैं चैत्र नवरात्री पूजा की कलश स्थापना?
हिन्दू धर्म के अनुसार, चैत्र माह का बहुत महत्व है | इस महीने मैं चैत्र नवरात्री और प्रभु श्री राम के जन्म होने के कारण बहुत ही पवित्र महीना माना जाता है | इस महीने के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को हिन्दू नव वर्ष की भी शुरुआत होती है | प्रतिपदा के दिन से ही शक्ति स्वरूपा माता दुर्गा की उपासना भी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा के दिन से ही शुरू हो जाती है, जिसे हम चैत्र नवरात्री कहते हैं | नवरात्री के ९ दिनों में माँ दुर्गा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है | ऐसा माना जाता है की माँ दुर्गा की पुरे विधि विधान और समर्पण से पूजा करने से केवल सुख समृद्धि की प्राप्ति ही नहीं बल्कि सरे कष्ट भी दूर हो जाते हैं |
नवरात्री में नौ दिनों तक माँ दुर्गा के भक्त अलग अलग तरीके से माँ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं | इसमें पूजा, उपवास और मंत्रोचार करते हैं | कुछ लोग सिर्फ पूजा करते हैं पर उपवास नहीं, कई लोग हर दिन पूजा पूरा होने तक उपवास रखते हैं, और कई लोग नौ दिनों तक उपवास रखते हैं| इन नौ दिनों के उपवास में नियमित रूप से माँ का पूजा अर्चना करने के बाद सिमित आहार करते हैं जैसा की, फल, साबूदाना से बना हुआ व्यंजन, दूध से बने व्यंजन, इत्यादि | साधारण नमक का सेवन नहीं करते बल्कि सेंधा नमक का सेवन करते हैं | कई लोग नौ दिनों तक सिर्फ फल आहार करते हैं | और साधारणतः, हर हिन्दू परिवार में सात्विक भोजन बनने की परंपरा है |
चैत्र नवरात्रि: कलश स्थापना के लिए तिथि और शुभ संयोग
नवरात्री पूजा का आरम्भ कलश स्थापना या घट स्थापना से होती है | कलश स्थापना का शुभ समय में होना बहुत ही महत्वपूर्ण है | इसलिए यह जानना अनिवार्य है की कलश स्थापना के लिए सबसे उत्तम संयोग कौन सा है |
पंचांग के अनुसार, ९ अप्रैल को सुबह ६ बजकर २४ मिनट से लेकर सुबह १० बजकर २८ मिनट तक का समय कलश स्थापना के लिए बहुत ही शुभ संयोग है | इसी समय आप कलश स्थापना कर सकते हैं |
अभिजीत काल में बनेंगे ये दो संयोग
इस वर्ष चैत्र नवरात्री में कई शुभ संयोग बन रहे हैं | ९ अप्रैल को अभिजीत काल में अमृतसिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्भुत संयोग बन रहा है | अभिजीत काल दोपहर १२ बजकर ३ मिनट पर प्रारम्भ होगा जो कि १२ बजकर ५४ मिनट तक रहेगा | अमृतसिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग ९ अप्रैल को सुबह ७ बजकर ३२ मिनट से लेकर पूरे दिन तक रहेंगे.
किसी भी प्रकार के दुविधा के स्थिति में आप अपने आस पास के पंडित जी से परामर्श कर लें |